भौगोलिक सूचना प्रणाली क्या है?

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Zaib

Guest
नमस्ते दोस्तों!किसी ने मुझे बहुत सरल शब्दों में समझा सकते हैं कि क्या जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) और इसके (Interlligent परिवहन प्रणाली) करता है मतलब है?

मैं एक बहुत ही सरल व्याख्या की जरूरत है.
कृपया शेयर अगर तुम्हें पता है.

 
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जीआईएस डेटाबेस के एक विशेष वर्ग के हैं सॉफ्टवेअर भौगोलिक सूचना के प्रबंधन के लिए समर्पित किया.विशेष रूप में वे थे भौगोलिक डाटा सहसंबंधी बनाना (हवाई उदाहरण / उपग्रह तस्वीरें हैं, नक्शे, निर्देशांक, ऊंचाई) और जानकारी के अन्य प्रकार के ऐसे जनसंख्या घनत्व, मिट्टी वर्गीकरण पर और के रूप में.
उन्होंने व्यापक रूप से सार्वजनिक प्रशासन द्वारा उपयोग के लिए क्षेत्र में निजी कंपनियों द्वारा प्रबंधित कर रहे हैं और व्यापक क्षेत्रों में संसाधनों के वितरण का अनुकूलन (टीएलसी सह द्वारा उदा. सेल योजना बनाने के लिए और तैनाती और बेस स्टेशन नेटवर्क के प्रबंधन का समर्थन) और सामान्य में जिन लोगों के पास से आवश्यकता जानकारी के अन्य प्रकार के साथ शुद्ध भौगोलिक डाटा से मिलने के लिए.

सादर
मोगली

 
भौगोलिक सूचना प्रणाली के लिए प्रणाली से परिचित हो, आप डाउनलोड "MapInfo उपकरण 'कर सकते हैं, यह सबसे आम उपकरण है जीआईएस

 
भौगोलिक सूचना प्रणाली
भूगोल की  परंपरागत  अवधारणा  के अनुसार,  भूगोल धरातल या भूतल का अध्ययन है . यह एक क्षेत्रीय विज्ञान  ( कोरोलौजिकल साइन्स ) है.  अंग्रेजी भाषा में भूगोल का पर्यायवाची शब्द ज्योग्राफी है. यह ग्रीक शब्दों जीओ एवं ग्राफिया के मिलने से बना है. जीओ का अर्थ है धरातल या भूतल और ग्राफिया का अर्थ है वर्णन करना .  इस तरह ज्योग्राफी का सामान्य अर्थ है  पृथ्वी के धरातल या भूतल का वर्णन.
आधुनिक भूगोल के अनुप्रयोगों  में, भौगोलिक सूचना प्रणाली, मानचित्र पर आधारित तकनीक है, जो भौगोलिक  सूचनाएँ  प्रदान  करता है.  यह  स्थान या क्षेत्र के  सन्दर्भ  मंं भौतिक और मानवीय तत्वों के वितरण को मानचित्र के रूप में प्रस्तुत करने और स्थानिक विश्लेषण करने में सक्षम होता है.
• भौगोलिक सूचना प्रणाली, सूचना विज्ञान पर आधारित तकनीक है, जो भौगोलिक सूचनाएँ प्रदान करता है. भौगोलिक सूचना तंत्र के माध्यम से हम जान सकते है कि धरातल पर क्या, कहाँ और कैसे है .
• भौगोलिक सूचना तंत्र, पृथ्वी या भूतल के सन्दर्भ में सूचना प्राप्त करने की तकनीक है जिससे स्थानिक सूचना या स्पेसीयल इन्फोर्मेसन प्राप्त किया जाता है. 
• यह धरातल या पृथ्वी तल की विविध विशेषताओं का  ज्ञान प्रदान करता है  अर्थात भौगोलिक सूचना तंत्र से धरातल के भौतिक और सांस्कृतिक पारीदृश्यों के संबंध में  ज्ञान ( सूचना ) प्राप्त होता है. 
• भौगोलिक सूचना तंत्र से धरातल के भौतिक और सांस्कृतिक प्रतिरूपों का ( फिजिकल एंड कल्चरल पैटर्न ) एवं उनके वितरण ( ड़ीस्टीब्युसन पैटर्न ) की सूचनाएँ प्राप्त होती है.
• इसके माध्यम भौगोलिक सन्दर्भ ( परिस्थित्तिकिये एवं स्थानिक सन्दर्भ ) में सूचनाएँ प्राप्त होती है.
भौगोलिक सूचना प्रणाली नया अंतर अनुशासनिक विज्ञानं है इसके अंतर्गत कंप्यूटर विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान और संसाधन प्रबंधन तथा कई अन्य विषयों को एक नये रूप में ( एकीकृत विज्ञान या अनुशासन ) इंटिग्रेटेड डिसिप्लिन की तरह प्रयोग में लाया जाता है. इसके मूल में  कंप्यूटर विज्ञान और सुदूर संवेदन  की तकनीक या प्रौद्योगिकी है.
पिछले कुछ वर्षों  से सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग एक आधुनिक पद्धति के रूप में किया जा रहा है.  भौगोलिक सूचना तंत्र द्वारा सूचनाओं का संग्रह करने, विश्लेषण करने और निर्णय लेने का कार्य अत्यधिक सुगमता पूर्वक किया जा सकता है. 
वस्तुतः भौगोलिक सूचना तंत्र या जीआईएस कंप्यूटर आधारित प्रणाली है. इसकी मदद से  डाटा मेनेजमेंट; ( इनपुट - आउटपुट मेनेजमेंट ) का कार्य किया जाता है  तथा  जीआईएस के माध्यम से भौगोलिक सूचनाओं का डेटाबेस तैयार करने का कार्य किया जाता है. 
भौगोलिक सुचना तंत्र का प्रयोग सूचनाओं को एकत्रित करने या संग्रहित करने, एकीकृत रूप से प्रयोग करने के लिए किया जाता है. भौगोलिक सुचना प्रणाली में आवश्यकता अनुरूप वांछित क्षेत्र के मानचित्रण की क्षमता होती है.  इसके द्वारा सूचनाओं को भौगोलिक परिस्थितियो के अनुरूप प्रस्तुत करने, विश्लेषण करने और निर्णय लेने का कार्य किया जा सकता है.
 
भौगोलिक सूचना प्रणाली
भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी आई एस) भौगोलिक सूचना के विश्‍लेषण की तकनीक है। हाल के वर्षों में भौगोलिक सूचना-विज्ञान एक शक्तिशाली तकनीक के रूप में उभरने लगा है। विश्‍व भर में भौगोलिक सूचना (डाटा) के प्रभावी रुप से प्रयोग और सूचना के विश्‍लेषण हेतु भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी आई एस) का प्रयोग किया जाता है।
भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी आई एस) भौगोलिक सूचना उपलब्‍ध कराता है जिसे स्‍थानिक व गैर-स्‍थानिक Spatial and non-spatial दोनों डाटा के संग्रह, प्रक्षेपण, विश्‍लेषण, पुनः प्राप्ति, परिवर्तन तथा स्‍थानांतरण हेतु प्रयोग किया जाता है।
भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी आई एस) तकनीक  का उपयोग;
जी आई एस की शक्‍ति तथा संभावना असीमित है। प्राकृतिक संसाधनों के सर्वेक्षण तथा प्रबंधन हेतु सुदूर संवेदन के बढ़ते प्रयोग के साथ ही भौगोलिक रुप से सूचना के स्‍थानांतरण तथा विश्‍लेषण हेतु भौगोलिक सूचना प्रणालियों के इस्‍तेमाल की मॉग अत्‍यधिक बढ़ गई है। भौगोलिक सूचना प्रणाली के प्रयोग द्धारा पर्यावरण नियोजन एवं प्रबंधन की दिशा में, विशेषकर , भूमि अनुप्रयोग एवं अच्छादन मानचित्रीकरण  का कार्य, इसके नियोजन एवं कुशल प्रबंधन के लिए प्रयुक्त होता है।  पर्यावरणक्षरण आंकलन एवं पर्यावरण निम्नीकरण मुल्यांकन एवं प्रबंधन तथा आपदाओं के  प्रबंधन के क्षेत्र में भी यह तकनीक प्रभावी है।
पर्यावरण नियोजन एवं प्रबंधन ;
भू-प्राकृतिक प्रणाली तथा प्राकृतिक संसाधनों के विकास एवं पर्यावरण प्रबंधन के लिए बहुस्तरीय भौगोलिक सूचना की आवश्यकता होती है। जी आई एस के माद्यम से भोगोलिक सूचनाओं का समन्‍वयन , प्रबंधन, उसका परिचालन किया जा जाता है। इसके माद्यम से भोगोलिक सूचनाओं का विश्‍लेषण तथा हस्तांतरण किया जा सकता है।
पर्यावरण नियोजन एवं प्रबंधन के अनुप्रयोगों में भौगोलिक सूचना प्रणाली सक्षम  तकनीक है। भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी आई एस) बहुआयामी एवं बहु उपयोगी तंत्र है प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं विकास के लिए प्रयोक्‍ता (स्‍थानिक) व एट्रीब्‍यूट (विषयक) डाटा के समन्‍वयन, प्रबंध करने, उसका परिचालन करने तथा विषयक नक्‍शों तथा इसके साथ-साथ सारणीबद्ध रिपोर्टों को तैयार करने में भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रभावी एवं उपयोगी है।
भौगोलिक सूचना प्रणाली विकास परियोजनाओं हेतु भूरूपाकृतिक एवं सुदूर संवेदन से प्राप्त सूचनाओं का  उपयोग एवं विश्‍लेषण करने में भी अत्यंत सक्षम है। संरचनात्मक ढांचों के निर्माण एवं विकास के क्षेत्र में भी भू-सूचना प्रबंधन की आवश्यकता होती है। निर्माण एवं विकास के क्षेत्र में जी आई एस का उपयोग किया जाता है। सूचनाओं के अनुप्रयोगों द्वारा विकास परियोजनाओं एवं विकास संबंधी नई रणनीतियां बनाने में भी, जी आई एस का उपयोग किया जाता है।
भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा विकासात्मक कार्यों के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन कर पाना संभव होता है तथा इसके प्रबंधन हेतु सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना के अनुप्रयोगों में भौगोलिक सूचना प्रणाली एवं जी आई एस तकनीक  का प्रयोग किया जाता है।
आपदा प्रबंधन;
प्राकृतिक आपदाओं की घटना के समय भू-सूचना की आवश्यकताएं बढ़ जाती है। आपदा प्रबंधन हेतु सुदूर संवेदन से प्राप्त सूचनाओ एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा  बिविध आपदाओं के प्रभावों का मूल्यांकन  कर पाना संभव होता है। आपदा क्षेत्र का सीमाकंन जैसे कि भूस्खलन, बाढ़ और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मानचित्रण, आदि में भौगोलिक सूचना प्रणाली से मदत मिलती है। भौगोलिक सूचना प्रणाली से प्रभावी आपदा प्रबंधन कर पाना संभव होता है।
 

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